नक्षत्र भारतीय ज्योतिष में महत्वपूर्ण होते हैं। यह आकाश के 27 हिस्सों में बंटे होते हैं, जिन्हें नक्षत्र कहते हैं। हर नक्षत्र का एक विशेष प्रभाव और गुण होता है। यहाँ 10 नक्षत्रों के बारे में जानकारी दी जा रही है:
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अश्विनी: यह नक्षत्र Aries राशि के पहले 2.5 डिग्री में स्थित है। यह नक्षत्र साहस, आरंभ और चिकित्सा के साथ जुड़ा हुआ है। इसका स्वामी ग्रह केतु है।
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भरणी: यह नक्षत्र Aries राशि के 13° 20' से 26° 40' तक फैला हुआ है। यह नक्षत्र एकाग्रता और सृजनात्मकता से संबंधित है। इसका स्वामी ग्रह शुक्र है।
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कृतिका: यह नक्षत्र Taurus राशि के 26° 40' से 40° तक स्थित है। यह नक्षत्र ऊर्जा, उत्साह और निर्णय क्षमता से जुड़ा होता है। इसका स्वामी ग्रह सूर्य है।
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रोहिणी: यह नक्षत्र Taurus राशि के 10° से 23° 20' तक फैला है। यह नक्षत्र समृद्धि, सुंदरता और शांति का प्रतीक माना जाता है। इसका स्वामी ग्रह चंद्रमा है।
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मृगशिरा: यह नक्षत्र Gemini राशि के 23° 20' से 36° 40' तक स्थित है। यह नक्षत्र अन्वेषण, ज्ञान और संवाद से जुड़ा है। इसका स्वामी ग्रह मंगल है।
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आर्द्रा: यह नक्षत्र Gemini राशि के 6° 40' से 20° तक स्थित है। यह नक्षत्र बदलाव, विनाश और पुनर्निर्माण से जुड़ा हुआ है। इसका स्वामी ग्रह राहू है।
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पुनर्वसु: यह नक्षत्र Cancer राशि के 20° से 33° 20' तक स्थित है। यह नक्षत्र शांति, खुशी और समृद्धि का प्रतीक है। इसका स्वामी ग्रह बृहस्पति है।
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पुष्य: यह नक्षत्र Cancer राशि के 3° 20' से 16° 40' तक फैला है। यह नक्षत्र संरक्षण, देखभाल और समृद्धि से संबंधित है। इसका स्वामी ग्रह शनि है।
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आश्लेषा: यह नक्षत्र Cancer राशि के 16° 40' से 30° तक स्थित है। यह नक्षत्र गहरे भावनात्मक संबंधों और मानसिक समझ से जुड़ा है। इसका स्वामी ग्रह बुध है।
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मघा: यह नक्षत्र Leo राशि के 0° से 13° 20' तक स्थित है। यह नक्षत्र नेतृत्व, शक्ति और सम्मान से जुड़ा होता है। इसका स्वामी ग्रह सूर्य है।
ये नक्षत्र भारतीय ज्योतिष में व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालते हैं और उनके गुण व स्वभाव को प्रभावित करते हैं।