हिंदू धर्म में कार्तिक माह को बहुत पवित्र माना गया है, जो चातुर्मास के अंत का प्रतीक है। इस अवधि में भगवान विष्णु योग-निद्रा से जागते हैं, जिससे यह मास विशेष रूप से धार्मिकता से भरा होता है। कार्तिक पूर्णिमा तक भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा का महत्व अत्यधिक है।

तुलसी पूजा का विशेष महत्व

कार्तिक में तुलसी जी का विवाह भगवान विष्णु के साथ रचाने की परंपरा होती है। हर शाम तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाना समृद्धि और शुद्धता का प्रतीक है। तुलसी का पौधा पर्यावरण में स्वच्छता और सकारात्मक ऊर्जा लाने का एक सशक्त माध्यम माना जाता है।

गंगा स्नान का महत्व

इस माह में गंगा नदी में स्नान को पवित्र माना गया है, जिससे आत्मा शुद्ध होती है और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग खुलता है। गंगा स्नान का महत्व विशेष रूप से दामोदर मास में देखा जाता है, जो भगवान विष्णु का एक और नाम है।

दीपों का पर्व: दीपावली और पर्यावरण की शुद्धि

कार्तिक माह में दीपावली का पर्व भी आता है। दीपावली के दौरान दीप जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सामाजिक मेल-जोल बढ़ता है। अमावस्या की रात को दीपों की रोशनी से वातावरण प्रदूषण मुक्त हो जाता है।

कार्तिक मास का समापन

कार्तिक मास का समापन देव दीपावली के पर्व के साथ होता है। इसे त्रिपुर पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, जो भगवान शिव की आराधना का विशेष दिन होता है। इस दिन का आध्यात्मिक महत्व अधिक होता है, और पूजा-अर्चना से भक्तों को विशेष लाभ प्राप्त होता है।

कार्तिक मास पूरे माह के धार्मिक अनुष्ठानों के लिए जाना जाता है, जिसमें गंगा स्नान, दीपदान और पूजन से व्यक्ति अपने पापों से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ सकता है।